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Showing posts from July, 2021

हनुमान जी की मजेदार कहानी| hindi motivation story

  हनुमान जी  की मजेदार कहानी- hindi motivation story यह कहानी बहुत पुरानी है कहते है जब महर्षि वाल्मीकि एक वृक्ष के नीचे बैठकर रामायण लिख रहे थे और कुछ लोगो को सुना भी रहे थे। यह बात हनुमान जी को पता चला तो वो भी चुपके से गए और कम्बल ओढ़कर वहीं कुछ लोगों के बीच में बैठकर सुनने लगे। हनुमान जी को बड़ा मन लगता था और वे उस रामायण मे लिन होकर बड़े ध्यान से सुनते थे। उन्हें ऐसा लगता था कि फिर से वही समय आ गया वहीं राम,लक्ष्मण,सीता,बली और सुग्रीव बहुत उत्साह था उसके मन में रामायण सुनने को क्योंकि कलयुग मे कोई मेरे भगवान राम की कोई गाथा गा रहा है। वे रोज वहां आते थे रामायण सुनने। एक समय आया जब वाल्मीकि जी ऐसा बात कह गए कि विवाद खड़ा हो गया, वाल्मीकि जी बोले: - जब   हनुमान अशोक वाटिका गए तो बहुत सुंंदर अशोक वाटिका थीं वहीं एक वृक्ष के नीचे सीता मईया बैठी हुई थी और सफेद रंग के बहुत सुन्दर- सुन्दर फूल खिले हुए थे। हनुमान जी:-   रुक जाओ वहीं आगे कुुछ मत बोलना। यहां तक तो ठीक लिखे हो लेकिन यह बात गलत लिख दिया जब हनुमान जी अशोक वाटिका गए तो फूल सफेद थे। फूल सफेद नहीं बल्कि ला...

Buddha story। महात्मा बुद्ध की कहानी

महात्मा बुद्ध की कहानी :- नगर का राजा शुद्धोधन जो बहुत ही कुशल राजा था। उसका कोई संतान नहीं था कुछ समय बाद थोड़ा बूढ़ा होने पर उसका एक संतान जन्म लिया जब बहुत समय के बाद उनका एक बेटा हुआ तो वे खुशी से झूम उठे और अलग अलग देशों से ज्योतिष एवं पंडितो को अपने घर पर आने के लिए निमंत्रण दिए क्योंकि उनके बेटे का नामकारण और बेहतर भविष्य के लिए। नामकारण का समारोह शुरू हुआ और उनके पुत्र का नाम   सिद्धार्थ हुआ फिर शुद्धोधन ने पूछा कि अब इसका भविष्य बताओ कि यह आगे चलकर क्या करेगा? 90% ज्योतिष ने कहा कि सन्यासी हो जाएगा 10% ने कहा की राजा हो जाएगा तो उसी में एक बारह साल का ज्योतिष जिसका नाम गुद्न्ना था उसने राजा से कहा कि, मैं स्पष्ट तौर पर कहता हूं कि तेरा बेटा सन्यासी होगा। यह बात सुनकर राजा को बड़ी ठेस पहुंची बहुत क्रोध हुआ कि बुढ़ापे में एक लड़का हुआ वो भी सन्यासी हो जायेगा, फिर मेरा राज पाठ कौन देखेगा। राजा ने ज्योतिष से  पूछा इसका उपाय क्या है? ज्योतिष ने कहा- उपाय बड़ा ही सरल है इसको हमेशा भ्रम में रखो पूरे जीवन भर क्योंकि इसे जिस दिन दुःख या पीड़ा का एहसास हुआ यह लड़का सन्यास...