Skip to main content

Janiye class 10th ki journey कैसी होती है।

jab ham class 10th me hote hai to hame kaisa mahasus hota hai? kis tarah se ham padai karate hai? or kis tarah se fail or success milti hai?
                                               
                                                                    Ham bat karate hai tab ki jab ham class 9th se 10th me enter karate hai to hame bahut khusi hoti hai ki ham matric me aa chuke hai. 


                     Our phir jaise hi class 10th ke 3-4 month bitate hai to man me uthal puthal shuru hone lagate hai padhai ko lekar ladake log Padne chalu karate hai is dar ke sath ki kahi fail na ho jaun aise hi kuch samay bit jate hai tyoharo,school or tuition ke chhuttiyo me. Family wale or ristedar log sab log keval yahi puchate hai ki padhai kaisa chal rha hai koi khana tak bhi nahi puchata ki ladaka khaya ya nahi. 
                           Aise hi 9-10 mahine bit chuke or ladka log bahut tention me ki kuch padhe hai ya kuch nahi padhe hai  phir jari hota hai exam date or ham jab exam ka frist din snan kar puja path ka jate hai.ladake log ko bahut bechaini bhi hoti hai. Jab exam dekar aate hai to achha lagata hai lekin agar paper kharab jata hai to udas ho jate hai.Ab exam khatm hota sabhi ladake bahut khus. Ab exam bite huye 2mahine ho gaye  result date jari hota hai phir result ghoshit hota hai to ladake ek dam se shant ho jate hai or sabhi apna result dekhane lagate hai koi phel hota hai to koi pass. Jab ladka fail hota hai to gharwale se dant padti hai or jab pass hote hai to mithaiya khilayi jati hai
                                        
                          To yahi thi class 10th ki puri journey isi tarah se ladake class 10th me mahsus karte hai kyoki unke life ki pahali padav hota hai ye exam


                 

Comments

Popular posts from this blog

बाउंसर परिवार का बिरयानी होटल ओपनिंग। bauncer parivar ka biryani hotal opening

बाउंसर परिवार का बिरयानी होटल ओपनिंग। bauncer parivar ka biryani hotal opening बेलापुर नामक गांव में रोहन नाम का एक लड़का रहता था। रोहन के पिता की इच्छा थी कि उसका बेटा पढ़-लिखकर मैनेजर बने, लेकिन वह बहुत लापरवाह होने के कारण मां-बाप उसे बहुत समझाते थे पर वह सुनता ही नहीं था।  रोहन चोरी छिपे पिताजी की नजर से बचकर घर के लॉकर में से पैसे ले जाकर खर्चा कर देता था। यह देख उसके के पिताजी रोहन के दोस्त,  रॉकी और वंशी को बुलाकर अपना सारा दुख बताते हैं । यह सुनकर रॉकी बोला हां अंकल अभी तो थोड़ा ज्यादा ही लापरवाही करने लगा है वो हमारे बताने पर भी नहीं सुन रहा और कहता है सिर्फ एमएलए ही तो बनना है,  ऐसा ही बन जाऊंगा बस अच्छे कपड़े और महंगी गाड़ी रही तो बन जाऊंगा। पार्टी वाले खुद आकर टिकट देंगे मुझे,  ऐसा कहता है तब रोहन के पिताजी बोले -  क्या करूं बेटा घर में शादी के उम्र की लड़की है मेरी उम्र बढ़ रही है यह सारी दौलत क्या करेगा वो पता नहीं यह सोचकर डर लगता है।   वंशी बोला - हां अंकल इसकी ऐसे ही हरकत को ध्यान में रखकर अपने गांव का एक कम मेंबर बिरजू है ना वो इसके प...

अहंकारी मूर्तिवाला की कहानी best inspirational story

अहंकारी मूर्तिवाला की कहानी hindi short story:- बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक मूर्तिकार ( मूर्ति बनाने वाला ) रहता था| वह ऐसी मूर्तियां बनता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के जीवित होने का भ्रम हो जाता था । आस-पास के सभी गांव में उसकी कलाकारी का चर्चा था, लोग उसकी मूर्तिकला के दीवाने थे ! इसीलिए उस मूर्तिकार को अपनी कला पर बड़ा ही घमंड था। जीवन के सफर मे एक समय एसा भी आया जब उसे लगने लगा की अब उसकी मृत्यु होने वाली है, वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएगा ! उसे जब लगा की जल्दी ही उसकी मृत्यु होने वाली है वह परेशानी में पड़ गया ! यमदूतों को भ्रमित करने के लिए उसने एक योजना बनाई ! उसने हुबहू अपने जैसी दस मूर्तियां बनाई और खुद उन मूर्तियों के बीच जाकर बैठ गया ! यह भी पढ़े:- जादूगर की कहानी यमदूत जब उसे लेने आए तो एक जैसी ग्यारह आकृतियों को देखकर दंग रह गए| वे पहचान नहीं कर पा रहे थे की उन मूर्तियों में से असली मनुष्य कौन है ! वे सोचने लगे अब क्या किया जाए ! अगर मूर्तिकार के प्राण नहीं ले सके तो सृष्टि का नियम टूट जाएगा और सत्य परखने के लिए मूर्तियों को तोड़ा  गया त...

21 best good habits manners

  21 ऐसे सुविचार जो आपको कभी किसी के सामने झुकने नहीं देगी। 21 good habits manner 1. लगातार दो बार से अधिक किसी को कॉल न करें। यदि वे आपकी कॉल नहीं उठाते हैं, तो मान लें कि इस वक्त उनके पास कुछ महत्वपूर्ण कार्य है। 2. उधार लिया धन पहले लौटाएँ और दूसरे व्यक्ति के याद दिलाने या माँगने का इन्तजार ना करें !  यह आपकी ईमानदारी और अच्छे  चरित्र को दर्शाता है। 3. किसी में हमेशा कमियॉ ना निकाला करे। अगर आपको कोई चीज या वस्तु थोडा़ सा भी पसंद हो तो उसकी प्रशंसा कीजिए ताकि सामने वाला व्यक्ति खुश रहे। 4. किसी से बेवजह ज्यादा सवाल पे सवाल ना पूछे और किसी के सामने ज्यादा बक-बक ना करे। 5. आप हमेशा अच्छे विचारों को सोचे।  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह लड़का है या लड़की, सीनियर है या जूनियर। आप सार्वजनिक रूप से किसी के भी साथ अच्छा व्यवहार करें। 6. यदि आप किसी दोस्त के साथ होटल में खाना खाते हैं, और वह अभी भुगतान करता है, तो अगली बार आप भुगतान करने का प्रयास करें। 7. विभिन्न प्रकार के विचारों का सम्मान करें।  याद रखें कि आपके लिए जो 6 दिख रहा है वो सामने से आने वाले लोगों को 9 ...