एक अवारा से कामयाब लड़के की कहानी।motivetional and inspirational story in hindi इस कहानी को पढ़ने के बाद अपलोग पढ़ने के लिए तड़प उठोगे:-
एक गांव में एक बहुत ही गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में तीन सदस्य थे एक 18वर्ष का लड़का और उस लडके के माता-पिता थे। लडके के मां की सेहत थोड़ी खराब रहती थी जबकि उसके पिता पास ही के गांव में लगे फैक्ट्री में दिन-रात मेहनत करते थे तब जाकर दो वक्त की रोटी, दवा और लड़के के पढ़ने के लिए पैसे इक्कठा कर पाते थे।
वहीं दूसरी ओर लड़का दिनभर अपने दोस्तो के साथ घूमता, मोबाइल चलता और अवारापंती करके पूरा दिन बिना पढ़े हुए ही बीता देता था। उसे अपने भविष्य, माता-पिता और घर के खराब स्थिति को लेकर कोई चिंता नहीं थी। उसके घर का हालत इतना खराब था की अगर कोई घर में चौथा व्यक्ति आ जाय तो उसे खिलाने के लिए घर में पर्याप्त अनाज भी नहीं होता था।
एक बार उस अवारा लड़के के दोस्त उसके घर आया बुलाने के लिए की चल कहीं खेलने के लिए और उसका दोस्त पहली बार अवारा लड़के के घर आया था। उसके घर के हालातो को देखकर उसका दोस्त दंग रह गया। फिर वे अवारा लड़के से पूछा:- क्या तुम यहां रहते हो? क्या ये तुम्हारा घर है तुम ऐसे हालतो में रहते हो।
अवारा लड़का बोलता है:- हां! ये मेरा घर ही घर है और मैं इसी हालातो में रहता हूं क्यों क्या हुआ।
थोड़ा देर उसका दोस्त चुप रहा फिर बोलता है वाह! वाह! मेरे दोस्त वाह! तुम्हारे घर का हालत बद से बदतर है मां बीमार है और तुम्हारे पापा दिन-रात मेहनत करके थोड़े सा पैसा इक्कट्ठा कर पाते है तब जाकर घर का खर्चा चल पाते है और तुम दिनभर घूमता रहता है, समय बर्बाद करता रहता है तुम्हे अपने भविष्य का कोई चिंता नहीं जबकि तुम्हारे घर का हाल बद से बदतर हो चुके है।
अब तुम बताओ कि किसको धोखा दे रहे हो अपने आप को या अपने मां-बाप को बताओ तुम किसकी धोखा दे रहे हो?
फिर उसके दोस्त उसे वहां लेकर गया जहां अवारा लड़के के पिता दिन रात काम कर रहे थे। उसके पिता काम करते-करते थक गए थे और वही पसीने से तर-बतर होकर बैठकर आराम कर रहे थे , उन्हीं के पास में बैठा एक और मजदूर था और उनसे काह रहे थे कि यार मेरी पत्नी घर पर बीमार है उसे इलाज कराने के लिए पैसे भी नहीं है।
मैं दिन-रात मेहनत करके केवल दो वक्त का खाना ही जुटा पाता हूं कुछ पैसे भी नहीं बचते जिससे की मैं पत्नी का ईलाज करा सकूं। अभी तो बेटे के स्कूल की फीस भी भरनी है यार इससे बेहतर तो मौत ही है। मैं तंग आ गया हूं ऐसी जिंदगी से, बस मेरा आखरी उम्मीद मेरा बेटा ही है जो इस गरीबी से बाहर निकालेगा और वे कह रहे थे कि देखना एक दिन मेरा बेटा इससे भी बड़ा फैक्ट्री का मालिक बनेगा।
उसका दोस्त और आवारा लड़का उनकी बातो को चुपके से सुन रहे थे तभी उसका दोस्त अवारा लड़का से बोलता है कि देख यार तुम्हारे पापा कितना मेहनत करते वो पसीने से भीगे हुए है और तेरे से कितना उम्मीद लगाए है कि हमलोगो को इस गरीबी से बाहर नीकालेगा और बड़े फैक्ट्री का मालिक बनेगा।
तुम क्या कर रहे हो तुम तो उनके सपनों को तोड़ रहे हो तुम्हे लगता है कि तुम इस तरह से अपने पिता का सपना पूरा कर दोगे। तुम्हे समझ नहीं आ रहा कि तुम्हारे पिता बहुत मेहनत से पैसे कमाते है और तुम चंद पलो में उस पैसे को मौज मस्ती में उड़ा देते हो। वाह! मेरे दोस्त वाह!
ये सब देख और अपने दोस्तो के बातो को सुनकर अवारा लडके के आंखो स आंसू गिरने लगते है और उसने प्रतिज्ञा लिया कि आनेवाले पांच साल के अंदर, मैं इससे भी बड़ा फैक्ट्री का मालिक बनूंगा। अब उस लडके के अंदर जुनून पैदा हो चुका था कि मुझे फैक्ट्री का मालिक बना है फिर वे लड़का उसी दिन से लगातार दस बारह घंटे पढ़ता रहता था
और वे लड़का आखरी के एक महीना पढ़कर उसने स्टेट टॉप करके दिखलाया। सबलोग लड़के के रिजल्ट सुनकर हैरान हो गए जब उस लडके से पुछा गया तो उसके कहा की मुझे अपने जिंदगी में कुछ नहीं चाहिए बस मुझे पापा का सपना पूरा करना है वे चाहते है कि मैं एक बड़ा फैक्ट्री का मालिक बनूं और उन्हीं की वजह से मैं आज स्टेट टॉप हूं।
फ़िर वो लड़का अपना बैचलर डिग्री प्राप्त करता है इसके बाद वो अपना एक चीनी का फैक्ट्री खोलता है धीरे-धीरे वह फैक्ट्री इतना विकास करता है कि वे हर जगह पर मशहूर हो जाता है। जिस फैक्ट्री में उसके पापा काम करते थे उस फैक्ट्री से भी कई गुना ज्यादा बड़ा बन चुका था।
इस कहानी के माध्यम से यही बताना चाहता हूं की हमारे देश में अधिकतर लोग मध्यम वर्ग या गरीब परिवार से है जिनके पिता बहुत ही संघर्ष और मेहनत करके अपने बच्चे को पढाते है। हो सकता है आपके परिवार कभी यही हालत है उस कहानी में तो लड़के अपना भविष्य को बदल दिया मैं आशा करता हूं कि आप भी संघर्ष और मेहनत से अपने पिता का सपना पूरा करोगे।
अगर आपने इस कहानी से कुछ सीखा है तो कृपया इसे शेयर करे और दुसरो को भी motivet करे पढ़ने के लिए।



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