राजा और मंत्री की रोचक कहानी। Short hindi motivetion story
एक राजा अपने प्रिय मंत्री के साथ नगर की सैर कर रहा था। तभी राजा के रथ के एक पहिया टूट गई और वे गिर गए, मंत्री और सारथी उनके रथ को बनाने में लग गए और राजा भी उनके सहयोग कर रहे थे अचानक उनकी एक ऊंगली उसी में फंसकर राजा की एक ऊंगली कट गई।
इस पर पास खड़े मंत्री ने राजा से कहा कोई बात नहीं महाराज जो होता है अच्छे के लिए होता है ।
यह बात राजा को न तो समझ आई न ही अच्छी लगी उसने मंत्री से कहा तुम ये क्या कह रहे हो , एक तो मेरी उंगली कट गई और तुम कह रहे हो जो होता है अच्छे के लिए होता है , इसमे मेरा क्या अच्छा होगा ?
राजा ने कहा अच्छा ठीक है! जो होता है वो अच्छे के लिए होता है तो फिर मैं तुम्हे कारावास में डाल देता हूं फिर कहना जो हुआ अच्छा हुआ , और उसने मंत्री को कारावास में डलवा दिया ।
अगले दिन राजा अपने सैनिकों को लेकर शिकार करने जंगल मे गया । मगर जंगल में राजा तथा उसके सैनिको को वहाँ के जंगली कबीले वालों लोगों ने पकड़ लिया. कबीले के लोगों ने एक एक कर सारे सैनिको की बलि चढ़ा दी मगर जब राजा की बारी आयी तो उन्होंने देखा राजा की उंगली खंडित है, अतः उसकी बलि नहीं दी जा सकती इसलिए उन्होंने राजा को छोड़ दिया ।।
राजा जंगल से जैसे तैसे महल में आया और सीधे मंत्री के पास जा पहुंचा । उसने मंत्री से कहा मुझे माफ़ कर दो,तुम बिल्कुल सत्य कह रहे थे जो होता है अच्छे के लिये होता है , आज मेरी जान इस कटी हुई उंगली के कारण बच गयी , वरना मैं आज जीवित नहीं होता ।।
तब मंत्री ने कहा माफी मत मांगिये महाराज , मैंने कहा था न जो होता है अच्छे के लिए होता है, मैं तो आपको धन्यवाद कहना चाहता हूं कि आप ने मुझे कारावास में डाल दिया अन्यथा मैं भी आपके साथ जाता और आप तो बच कर आ जाते मगर मेरा तो काम तमाम ही हो जाता..🤗
शिक्षा:- जो होता है अच्छे के लिए होता है.
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