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लड़के और चतुर साँप की कहानी। hindi motivational story

 लड़के और चतुर साँप की कहानी। hindi moral story motivational story



एक ऐसा लड़का जिसका कद तो बहुत छोटा था लेकिन बहुत ही नेक दिल एवम् उच्च विचार रखने वाला लड़का था। जिसका नाम उल्लास था वह अपने घर कि तरफ जा रहा था तभी उसकी नज़र सड़क किनारे एक पत्थर मे दबे सांप पर पड़ा। 


सांप को पत्थर मे दबे हुए देख उल्लास को बहुत दया आ गई। वह गया और जल्द ही वहां से जाकर पत्थर को  हटाया और साँप से पूछा तुम यहाँ कैसे इस पत्थर के नीचे दब गए थे? 

साँप बोला मै एक चूहे को पकड़ने के लिए उसका पीछा कर रहा था, चूहा तो भाग निकला पर मैं इस पत्थर मे फंस गया। 

साँप बोला मुझे बहुत तेज भूख लगी है मै तुम्हे खाऊँगा।

 तब उल्लास ने कहा तुम ऐसा कैसे कर सकते हो मैने तो तुम्हरा जान बचाया हूँ और तुम मुझे ही खाना चाहते हो ।  

आखिरकार बहुत देर वाद-विवाद के बाद  लड़का अन्य तीसरे व्यक्ति से न्याय मांगने के लिए गया।

तभी उन्हे एक सियार दिखाई दिया। उसे वे सारी बात बताकर न्याय करने के लिए कहा -सियार ने सोचा अगर साँप लड़के को मारेगा तो उसे भी खाने को मिलेगा।  उसने तुरंत साँप के पछ  मे फैसला सुना दिया। 

लड़के ने फैसला मानने से इंकार कर दिया। तब एक नेवला वहाँ से गुजरा उसे भी सारी बात बताकर न्याय करने की अपील की।

 साँप का दुश्मन नेवला बोला इसके साथ वही व्यवहार करना चाहिए जो एक दगाबाज के साथ किया जाना चाहिए, फैसला लड़के के पक्ष मे था! साँप ने यह फैसला मानने से इंकार कर दिया।


तभी गाँव के एक बुजुर्ग आदमी वहाँ से गुजर रहा था लड़के उसे भी वे सारी बाते बताई तब उस आदमी ने हैरानी से पूछा भला एक साँप पत्थर के नीचे कैसे दब सकता है , तब साँप ने कहा मै बताता हूँ तब साँप वैसे ही बैठ गया , उस लड़के ने तुरंत ही उसके ऊपर पत्थर रख दिया। 

आदमी ने कहा इसे यही पर दबकर मरने दो । उल्लास को समझ आ गया था कि ऐसे लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए।


शिक्षा:- आज के जमाने मे लोगो का कितना भी भला कर लो आखिर लोग आपको धोखा ही देगा।

आज के युग मे कौन एहसान याद करता है.इसलिए सोच-समझकर ही काम करना चाहिए।

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