फांसी की सजा से बचने वाले जादूगर की कहानी:-
जैनपुर के गांव में रामू नाम का एक जादूगर रहता था जो अपने गांव में रोज जादू का तरकीब दिखाता और वहां के निवासी भी बड़े दिलचस्पी से देखते। वह हर तरह से अपने अंदाज में जादू दिखता था जिससे वह काफी मशहूर हो चुका था।
एक दिन जब मशहूर जादूगर रामू की बात वहां के राजा के पास पहुंचा तो राजा ने उसे जादू दिखाने के लिए अपने राज दरबार में बुलाने का निमंत्रण दिया।
जब जादूगर को पता चला कि राजा अपने दरबार में बुलाने वाले है तो जादूगर ने सोचा कि जिंदगी में अब कुछ बड़ा कमाई करने का अवसर आ गया है और यह भी सोच रहा था कि मै सबसे अच्छा और कुछ अलग तरह का जादू दिखाऊंगा और सबसे ज्यादा इनाम राजा से पा लूंगा।
जादूगर रास्ते में सोचते हुए जा रहा था की मै किस तरह का जादू दिखाऊं तब तक वो दरबार में पहुंच गया।
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राजा ने बोला:- तुम अपना जादू आरम्भ करो।
जादूगर ने जादू दिखाया जिसमें उसने राजा का मुकुट ही गायब कर दिया जिससे बैठे दरबारी हसने लगे। जब सभी लोग हसे तो राजा को बहुत ही गुस्सा आ गया।
राजा (गुस्से में):- इस जादूगर को बंदी बनाकर तैखाने में डाल दो सात दिन बाद इसकी फांसी होगी।
(जादूगर सोचने लगा कि गया था जादू दिखाने और मझे बंदी बना दिया।)
यह बात उसकी पत्नी को पता चली बहुत दुःखी हुए और बहुत रोयी , वह रोते हुए दौड़कर अपने पति से मिलने गई। वहां जाकर देखती है कि वे मुस्कुरा रहे है।
पत्नी:- तुम पागल तो नहीं हो गए हो तुम्हारा सात दिन बाद फांसी होने वाली है और तुम मुस्कुरा रहे हो।
जादूगर:- अरे अभी सात दिन बाकी है चिंता क्यों करती हो सात दिन खाओ पियो और जिंदगी को खुल के जियो चिंता मत करो अब तुम घर जाओ।
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पत्नी घर चली जाती है और रोज उसे मिलने के लिए आती रही और उसका दिन कम होते जा रहा था। आखिरकार वो दिन आया जब उसके सात दिन पूरे हो गए फांसी का दिन आया राजा घोड़े पर सवार होकर जादूगर के पास गया आखरी बार मिलने के लिए जादूगर के पास गया, जब राजा उसे देखा तो वो रो रहा था।
राजा ने उससे पूछा कि तुम्हे फांसी होने वाली है और तुम रो रहे हो ऐसा क्यों?
जादूगर:- महराज मैं मरने से नहीं डर रहा हूं। मरना तो सबको है एक दिन, दरसल बात ऐसा है कि वर्षों से मैं एक उड़ने वाले घोड़ा बनाने की कला सीख रहा हूं। वो कला एक वर्ष में पूरा होने को है लेकिन अब कोई फायदा नही, मुुुझे अफसोस है कि वो कला मेरे साथ ही दुनिया से चला जाएगा।
राजा के मन में आया कि ये उड़ने वाला घोड़ा तैयार कर रहा है मान लो कि य घोड़ा मेरे पास आ गया तो मैं बड़ा स बड़ा युद्ध आसानी से जीत जाऊंगा और ताकतवर राजा को भी मै हरा दूंगा बस वो घोड़ा मेरे पास आ जाए। इसी लालच मे आकर राजा ने जादूगर से बोला कि मैं तुम्हे एक साल का समय देता हूं तुम वो घोड़ा बनाकर मुझे दे दो मै तुम्हे छोड़ दूंगा अगर मुझे नहीं दिए तो तुम्हे एक साल बाद फांसी दे दी जाएगी तब तक तुम आजाद हो।
अब जादूगर सीधा अपने घर पर जाता है वहां जाकर देखता है कि उसकी पत्नी दुःखी है और रो-रो कर बुरा हाल बना रखा है। जब वे अपने पति को देखती है तो खुश हो जाती है और मुस्कुराने लगती है। पत्नी ने पूछा कि एक बात बताओ कि राजा ने तुम्हे कैसे छोड़ा?
जादूगर:- एक शर्त पर छोड़ा है मुझे राजा एक साल में उड़नेवाला घोड़ा बनाकर देना है।
पत्नी:- ये कैसा शर्त है उड़ाने वाला घोड़ा हम तो बना ही नहीं सकते ये तो संभव ही नहीं है।
जादूगर:- हा मुुुझे मलूम है कि हम उड़ाने वाला घोड़ा नहीं बना सकते लेकिन हमारे पास एक साल का समय है एक साल में मुस्कुराओ जिओ खुश रहो और जिंदगी को जीयो बस यही कहना चाहता मैं।
सबसे खास बात ये हुई की छह महीने के अंदर ही राजा की मृत्यु हो गई। यह बात उस जादूगर के पास पहूंचा तो वो बहुत खुश हुआ खुसी से झूमने लगा क्योंकि अब न घोड़े की चिंता और ना ही फांसी की अब खुल के जिंदगी जी सकते है।
मैं आशा करता हूं कि आपको ये कहानी सबसे अच्छा लगा होगा। जादूगर ने बिल्कुल ठीक कहा था चिंता मत करो क्योंकि एक साल का समय है। आज बहुत से लोग खुश नही है क्योंकि वे आगे भविष्य के बारे में कुछ ज्यादा ही सोचने लगते है कि कल क्या होगा ,कैसे होगा, ये सोच सोच कर लोग आज दुखी हो जाते है। इस जादूगर की छोटी सी कहानी हमें यही सिखाती है कि कल की चिंता मत करो जो होगा देखा जाएगा। अगर ये छोटी सी कहानी अच्छा लगा हो तो कृपया शेयर करे और दूसरी का चिंता भी खत्म करे।

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